FATF ने पाकिस्तान को किया ब्लैक लिस्ट : सभी पाठकों के लिए आज हम FATF के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं कि आखिर पाकिस्तान कैसे FATF में शामिल हो गया और ऐसे FATF में शामिल होने के बाद पाकिस्तान को क्या-क्या नुकसान उठाना पड़ेगा और उसकी अर्थव्यवस्था पर क्या-क्या असर पड़ेगा यह सारा कुछ डिटेल हमें इस आर्टिकल में बताने वाले हैं पाठकों से निवेदन है कि आपकी इस टॉपिक पर क्या राय हैं अपने कमेंट के माध्यम से बताएं |
FATF ने पाकिस्तान को किया ब्लैक लिस्ट , कोई देश नहीं करेगा मदद

पाकिस्तान अभी तक FATF की ग्रे लिस्ट में था टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंसियल टास्क फोर्स एशिया पेसिफिक ग्रुप (APG) ने आज यानी 23 अगस्त 2019 को पाकिस्तान के वैश्विक मानकों पर खरा न उतरने की वजह से उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया है |
FATF ने यह पाया कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को फंडिंग रोकने में असफल रहा है पाकिस्तान कुल 40 मानकों में से 32 मानकों पर पालन नहीं कर सका इस वजह से पाकिस्तान को FATF की सूची में शामिल कर दिया गया पाकिस्तान जून 2018 से ही ग्रे सूची में था ,इसके अतिरिक्त टेरर फंडिंग के विरुद्ध सुरक्षा उपायों के लिए 11 मापदंडों में से 10 को पूरा करने में पाकिस्तान असफल साबित हुआ |
FATF में शामिल होने पर पाकिस्तान को होने वाला नुकसान
FATF में शामिल होने पर पाकिस्तान को बहुत ज्यादा प्रॉब्लम होने वाली है जिसमें पाकिस्तान को किसी भी देश से लोन नहीं मिलेगा यदि किसी संस्था से या किसी देश से लोन स्वीकृत भी हुआ है तो वह भी नहीं मिलेगा आपको बता दें कि अभी हाल ही में पाकिस्तान ने IMF से कर्जा लिया था जिसमें IMF को तीन चार किस्तों में देना था लेकिन पाकिस्तान को अभी सिर्फ एक ही किस्त मिला है बाकी क़िस्त पर अब उसे ब्लैक लिस्ट में शामिल होने की वजह से नहीं मिलेंगी और पाकिस्तान हमेशा FATF की संदिग्ध सूची में बना रहेगा |
इसके साथ-साथ पाकिस्तान को FATF में ब्लैक लिस्ट होने के बाद कोई भी देश पाकिस्तान में इन्वेस्टमेंट नहीं करेगा आर्थिक हालात पर पाकिस्तान की मुसीबत बढ़ गई है उसकी देश का रुपया डॉलर के मुकाबले लगभग ₹160 पहुंच चुका है जो कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए नेगेटिव है |
क्या है FATF –
FATF का फुल फॉर्म Financial Action Task Force एक इंटरनेशनल अंतर सरकारी संस्था है इस संस्था का मुख्य उद्देश्य Black Money को White Money को रोकने से संबंधित पॉलिसी बनाने हेतु काम करता है इस इंस्टिट्यूशन की स्थापना 1989 में की गई थी और इसका कार्य क्षेत्र सन 2001 से विस्तारित किया गया था |
इसके साथ साथ आतंकवाद को धन मुहैया कराने वाले संस्थाओं और देशों के विरुद्ध नीतियां बनाना है एसएटीएफ का सचिवालय पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के मुख्यालय में है FATF की जिस बैठक में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट किया गया वह फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित की गई थी यह संयोग ही था कि जिस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेरिस में मौजूद थे हालांकि वह इस बैठक में मौजूद नहीं थे |