प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 नवंबर 2021 को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया. यह एक्सप्रेस 341 किलोमीटर लंबा है. यह सड़क गाजीपुर और लखनऊ को जोड़ती है. इस सड़क को छह लेन का बनाया गया है. इसका निर्माण 22500 करोड रुपए की अनुमानित लागत से बनाया गया है.
इस सड़क का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वायुसेना के c-130 हरक्यूलिस विमान से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे हवाई पट्टी पर उतरे थे. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य लोगों ने हवाई पट्टी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी की पूर्वांचल एक्सप्रेस की यह हवाई पट्टी 3.2 किलोमीटर लंबी है.
इस हवाई पट्टी का इस्तेमाल लड़ाकू विमानों को आपातकाल की स्थिति में उतरने के लिए तैयार किया गया है.
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे
अभी तक उत्तर प्रदेश में जितने भी एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया है उनमें से पूर्वांचल सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है जिसकी लंबाई 341 किलोमीटर है. सुल्तानपुर जिले में एक्सप्रेसवे आपात स्थिति में वायुसेना के लड़ाकू विमान की लैंडिंग और टेक ऑफ करने में सक्षम होगी।
छह लेन का एक्सप्रेसवे
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को छह लेन का बनाया गया है और इसे भविष्य में आठ लेन का बनाया जा सकता है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों जैसे लखनऊ बाराबंकी अमेठी अयोध्या सुल्तानपुर अंबेडकरनगर आजमगढ़ मऊ और गाजीपुर जिले के आर्थिक विकास को गति देने के लिए काफी कारगर होगा इस एक्सप्रेस-वे को 22,500 करोड रुपए के अनुमानित लागत से इसका निर्माण किया गया है.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की लंबाई 341 किलोमीटर
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की लंबाई 341 किलोमीटर है वही हम उत्तर प्रदेश के आगरा एक्सप्रेस वे की बात करें तो उसकी लंबाई 302 किलोमीटर है. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को पूरब की तरक्की के नए गेटवे के रूप में देखा जा रहा है. यह एक्सप्रेसवे कुल 9 जिलों से होकर गुजरेगा और इसे जल्द ही और दूसरे जिलों से भी जोड़ा जाएगा।
स एक्सप्रेस-वे के कैरिज-वे पर कुल 18 फ्लाईओवर 7 बड़े पुल, सात रेलवे ओवरब्रिज और 118 छोटे पुल, टोल प्लाजा, 5 रैंप प्लाजा, 271 अंडरपास बनाए गए हैं, ऐसा माना जा रहा है कि यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में अपनी अहम भूमिका निभाएगा.